4 जनवरी को, बेंगलुरु के एक 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र को मुंबई पुलिस अपराध शाखा के साइबर पुलिस स्टेशन के कर्मियों ने कथित तौर पर “मुस्लिम महिलाओं का अपमान करने” के लिए डिज़ाइन किए गए ऐप से “अपमानजनक सामग्री साझा करने” के लिए अपने ट्विटर हैंडल का उपयोग करने के लिए हिरासत में लिया था। समाचार एजेंसी एएनआई।
कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि विशाल झा के रूप में पहचाने गए आरोपी को अब गिरफ्तार कर लिया गया है।
उक्त ऐप में प्रमुख अभिनेत्री शबाना आज़मी, दिल्ली उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश की पत्नी, कई पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और राजनेताओं की तस्वीरें भी शामिल थीं, जिन्हें एक ऐप पर नीलामी के लिए अपलोड किया गया था।
‘बुली बाई’ नाम के ऐप को लेकर विवाद पिछले जुलाई की ‘सुल्ली डील’ के समान है, जिसमें लगभग 80 मुस्लिम महिलाओं को ‘बिक्री के लिए’ रखा गया था।
4 जनवरी को, बेंगलुरु के एक 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र को मुंबई पुलिस अपराध शाखा के साइबर पुलिस स्टेशन के कर्मियों ने कथित तौर पर “मुस्लिम महिलाओं का अपमान करने” के लिए डिज़ाइन किए गए ऐप से “अपमानजनक सामग्री साझा करने” के लिए अपने ट्विटर हैंडल का उपयोग करने के लिए हिरासत में लिया था। समाचार एजेंसी एएनआई।
कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि विशाल झा के रूप में पहचाने गए आरोपी को अब गिरफ्तार कर लिया गया है।
उक्त ऐप में प्रमुख अभिनेत्री शबाना आज़मी, दिल्ली उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश की पत्नी, कई पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और राजनेताओं की तस्वीरें भी शामिल थीं, जिन्हें एक ऐप पर नीलामी के लिए अपलोड किया गया था।
‘बुली बाई’ नाम के ऐप को लेकर विवाद पिछले जुलाई की ‘सुल्ली डील’ के समान है, जिसमें लगभग 80 मुस्लिम महिलाओं को ‘बिक्री के लिए’ रखा गया था।
Bulli Bai App पर नाराजगी
इस विवाद के कारण सभी पार्टियों के शीर्ष राजनेताओं सहित समाज के कई वर्गों में सोशल मीडिया पर नाराजगी फैल गई।
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मुद्दे को हरी झंडी दिखाई और दावा किया कि उन्होंने केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से बार-बार कहा है कि “प्लेटफॉर्म जैसे #sullideals के माध्यम से महिलाओं के बड़े पैमाने पर कुप्रथा और सांप्रदायिक लक्ष्यीकरण” के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा, ‘शर्म की बात है कि इसे लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, “महिलाओं का अपमान और सांप्रदायिक नफरत तभी रुकेगी जब आप एक स्वर में इसके खिलाफ खड़े होंगे और साल बदल गया है, इसलिए अपनी किस्मत बदलो और यह बोलने का समय है।”